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विवाह संस्कार एवम् बन्ना-बन्नी गीत

विवाह संस्कार एवम् बन्ना-बन्नी गीत

bannabani

 🙏श्री गणेशाय नमः🙏

विवाह संस्कार

By Sandhya Maheshwari,
Sendhwa | Indore
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बान की तैयारी:
 कंकू ,चावल, मूंग ,गुड़,
 धनिया, नाल, फुल, दुर्वा,
 पान ,सुपारी, पतासे , कलश
 मिट्टी का , नारियल!!
_____
जौ छड़ी का सामान:
 जौ, खड़ा नमक ,7 हल्दी की
 गांठ, मूंग की दाल की पीठी,
 झालरा ,उखल मुसल,
 सुपारी, दो चम्मच, पंखा,
 दूब, मूंग रखना!!
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 बामन बिंदोरी :

मंदिर में जाकर मूंग चावल
 जीमना ,मेहंदी लगाना, चुंदड़ी का चंदवा करना!!
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 रातीजगा:
 कुमहार के बर्तन में एक मूंग
 भरना, एक में पीढ़ी, एक में
 कंकू ,चावल, एक मेहंदी
 भरना , थापा मांडना,
 लड़के की शादी में नारियल
 का लड़की की शादी में पान
 का थापा मारना!!
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 साकड़ी राखी:
 एक दीए में तेल, एक में मेहंदी
 एक में हल्दी ,एक में दही , दूब
 दो जोड़ी ,चुंदड़ी का चंदवा
 करना, चीलवे रखें फिर
 सब तेल चढ़ावे!!
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 बत्तीसी:
 32 नग खारक, लोंग ,बदाम, इलाइची, हल्दी गांठ, पतासे, सुपारी, लड्डू ,32 रुपए रखे, बत्तीसी नौतना!!
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भात :

 भाई को तिलक करके
 नारियल व रुपैया देवे ,अंदर
 लेने के बाद भात पहने ,चावल ,गुड़ ,शरबत
 का लोटा गुलाबी कपड़े से
 बांधकर देवे, उसके बाद
 चूड़ा पहने ,सिर गुथी करवा
 ले,!!
_____
चाक :

 मूंग, चावल , पापड़,मंगोड़ी,
 ब्लाउज पीस ,रुपैया से चाक
पुजे !!
______

  निकासी:
 13 कमोई, 13 खाजे,  सुपारी, मूंग, पैसे और फिर
 साड़ी रखकर देवे ,भाभी
- मामी से काजल लगवाए!!
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 डाला की पेटी का सामान:
 कंकू ,मेहंदी , नाल, चूड़ा
 सतनाला, झालरा, एक डिब्बे में कंकु ,एक में केसर, एक में मेंड, एक में छाल , इत्र
 की शीशी, नारियल, 
कमर पट्टा, गठजोड़ा, सेवरा ,खिलौने, शर्ट , सात
 सुहागी, मेवे की थेली ,जानी करवा, कोरे ताव लाल, हरा, पीला, केसरिया, चुनरी के
 पल्ले पर बटुआ बांधे, बटुए में कोड़ी ,सुपारी ,हल्दी, अंगूठी व पैसे रखे !!
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लड़की की शादी में:
 जानी करवा माणकथम, चाक भात ,दांत, घरवा,
 सामेला, तोरण ,मामा फेरे, सुहाग बीड़ा , सिरगुथी, फेर
 पाटा , पैरावनी, मंडप खुलवाई, नीम जुआरी !!
_____
दात:
कोठी में1. चावल 2. मंगोड़ी
 3. माठि, 4.शक्कर 5. मूंग 
6. पापड़ ,7. मगद,8. आटा,
 घरवे पर बेस रख दे ,मामी द्वारा
 गणगौर पूजा होती है, पायल, बिछिया , काकवला, गुजरी, अंगूठी पहनाई जाती
 है, पीले हाथ करके गणगौर
 की पूजा करते हैं, हल्दी, काजल, मेहंदी, कंकू की 16
 बिंदी लगाते हैं!!
_______
 सामेला :

पेंट, शर्ट, खाजा, फूलमाला,
 आखा नमक ,पान ,गुलाल, मिलनी के लिफाफे लेकर
 स्वागत करते हैं!!
_____

 तोरण:
 काजल ,नाडा, नारियल, जुवारी, नीम साली लोटा
 लेकर द्वार पर जाती है!!
______

 लड़की की शादी में फेरे का
 सामान:

 कंकू, चावल, गुलाल, गुड़, कंडे, नारियल ,हवन पूडा,
 सफेद व लाल कपड़ा ,हल्दी ,
 अबीर, अगरबत्ती ,सिंदूर, कपूर, नाल, मेहंदी, गेहूं , 
 सुपारी ,कच्चा सूत, खारक, ईट,  मिट्टी दिए, जनेऊ
 जोड़ा, खोई ,दही ,माचिस,
 तपेली, रूई, तांबे का कलश, शहद ,मूंग ,साल की
 ढाणी , लोंग, लकड़ी, चार खूटी, फूल , पताशे!!
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मामा फेरे:
 मंडप के बाहर मामाजी वधु
 को फेरे दिलाते हैं!!
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 सुहाग बीड़ा:

 फेरे पूरे होने के बाद सुहाग
 बीड़ा इसमें साड़ी ,वर को
 जुआरी पान का बीड़ा दिया
 जाता है !!
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सिरगुथी:

 बहू की सिरगुथी होती है,
 चूड़ा पहनाते हैं!!
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पेरावनी:
 बड़ों को पेरावनी दी
 जाती है कपड़े , लिफाफे जेवर इत्यादि!!
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 फेर पाटा:
 फेर पाटा में लड़के वाले
 बांदरवाल बांधते हैं!!
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 लड़के की शादी में :
टूटिया:
 औरतें आनंद से खेल मजाक
 आदि करती है , बहु - बेटिया
 दूल्हा-दुल्हन बनती है और
 सभी से मजाक करती है!!
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बहु बधाई :
सात काशी के बर्तन रखते हैं, उसे बहू द्वारा एक एक करके
 उठाया जाता है!!
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 सुहाग थाल:
 चावल , तील्ली लेकर चांदी
 के सिक्के, बहू को सात
 सुहागन खिलाती है!!
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जुआ जुई रस्म:

 परात में पानी, हल्दी ,अंगूठी
गुलाब की पत्तियां डालकर
 वर-वधु को ढूंढवाई जाती है!!  कहावत है कि जो जुए में
 जीतता है उसी की बाद में घर
 में चलती है!!
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 उजमन:
 जन्म व शादी के बाद चार
उजमन होते हैं ,पहला होई
 अष्टमी पर हलवा पूरी
 बनाकर 9 जगह कल्पना
 बांटना, दूसरा बढ़ पूजनी अमावस्या पर हलवा पूरी 13
 जगह बांटना, तीसरा
 तिलकुटा चौथ पर तिलकुटा
 बनाकर 13 जगह बांटना
 और चौथा बज बारस पर
 चने मूंग भीगे हुए 13 जगह
 कल्पना और बाटना ,लड़की
 का उजमन  दुबडी  अष्टमी
 का होता है!!

गणेश जी का गीत -
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पहले गणेश मनाओ मनाओ री
 बहना,
शीश बने के सेहरा सोवै कान
 बने के मोती सोवै,
लड़ियों से अत्तर लगाओ,
 लगाओ री बहना,
पहले गणेश मनाओ मनाओ
 री बहना,
हाथ बने के मेहँदी सोवै,
 घड़ियो से अतर
 लगाओ री बहना,
गौरी गणेश मनाओ मनाओ
 री बहना,
गल बन्ने के चेन सोहे-तोड़े से
 अत्तर लगाओ री बहना,
संग बन्ने के बन्नी सोहे,
जोड़ी से अत्तर
 लगाओ री बहना!!

तेल चढ़ाने का गीत:
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ला रे तेली ला, म्हारे
 रायचमेली का तेल ला,
म्हारे दादाजी तेल चढ़ाइयाँ,
 म्हारी दादी मसल नुहाइयाँ,
ताऊ जी तेल चढ़ाइयाँ,
 म्हारी ताई मसल नुहाइयाँ,
इनके हाथां तो मेहँदा सुहागन
 रैच रहया,
माँग भरी जग मोतियाँ की!!

हल्दी का गीत:
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हल्दी लगाओ रे, 
तेल चढ़ाओ रे,
बन्नी का गोरा बदन 
दमकाओ रे,
हल्दी लगाओ …
1-  बन्नी हमारी चंदा का
 टुकड़ा,
फूलों जैसे है बन्नी का
 मुखड़ा,
मुखड़ा सजाओ रे, 
कंचन बनाओ रे,
बन्नी का गोरा बदन
 दमकाओ रे,
हल्दी लगाओ …
 बन्नी की बहियाँ फूलों की
 डारी,
नाज़ुक नाज़ुक बन्नी
 हमारी,
केसरिया हल्दी का उबटन
 लगाओ रे,
बन्नी का गोरा बदन 
दमकाओ रे,
हल्दी लगाओ रे!!

मेंहदी का गीत:
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मेरी बन्नी के दोनों हाथ,
 मेहँदी खूब रची,
 हरियाली के दोनों हाथ, मेहँदी खूब रची,
बन्नी के बाबा जी ने मेहँदी
 मँगाई,
बन्नी के ताऊ जी ने मेहँदी मँगाई,
 वाकी दादी ने रचाए दोनों हाथ,
 वाकी ताई ने रचाए दोनों हाथ, मेहँदी खूब रची!!
बन्नी के मामाजी ने मेहंदी
 रचाई,
बन्नी के चाचा जी ने मेहंदी
 रचाई,
वाकी मामी ने रचाई दोनों
 हाथ मेहंदी खूब रची ,
वाकी चाची ने रचाई दोनों
 हाथ मेहंदी खूब रची!!
(इसी प्रकार अन्य सब के नाम लेना )
आरती का गीत:

लेकर कंकू ,चंदन हाथ ,
करके तिलक बनी के माथ,
 बहना प्यारी उतारे आरती, 
लेकर कंकू ,चंदन हाथ, 
करके तिलक बनी के माथ,
 बहना प्यारी उतारे आरती,
 झिरमिर थाल सजाकर लाई,
 भाव सजोकर आई,
जुग-जुग जीवे अजर जोड़ी,
 यही आस मन में भाई ,
भैया भावज देंगे नेग,
 खुश होवे बहना बन्नी को
 देख,
 प्यारी बहना उतारे आरती,
 जी लेकर कंकू, चंदन हाथ,
 करके तिलक बनी के माथ,
 बहना प्यारी उतारे आरती!!
 बन्ना-बन्नी गीत:
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1.रघुपति राघव राजा राम,
 ऐसा बन्ना दे भगवान,
रोज सुबह को चाय बनाए, आप पिए और मुझे पिलाए,
फिर कहे पी लो पी लो मेरी
 जान,
ऐसा बन्ना दे भगवान,
 रघुपति राघव....
रोज शाम को खाना बनाए,
 आप खाए और मुझे खिलाए,
फिर कहे खा लो खा लो मेरी
 जान,
ऐसा बन्ना दे भगवान, रघुपति राघव राजा राम
रोज-रोज मुझे तोहफे
 दिलाए, 
खुद देवे मुझे रिझाए,
और कहे ले लो ले लो मेरी
 जान,
ऐसा बन्ना दे भगवान,
 रघुपति राघव राजा राम,
रोज रात को जाए पिक्चर
 खुद जाए मुझे ले जाए,
फिर कहे देखो-देखो मेरी
 जान,
ऐसा बन्ना दे भगवान,
 रघुपति राघव राजा राम!!
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2. रिमझिम कोला-कोला,
 मटर आलू छोला,
 कचोरी मिले साथ में,
हम तो जाएंगे बन्ने की बारात
 में,
बन्ने के दादाजी भी सज गए,
 दादी सज गई साथ में,
बन्ने के ताऊजी भी सज गए,
 ताई सज गई साथ में,
हम भी जाएंगे बन्ने की बारात
 में,
 रिमझिम कोला-कोला
 चाचाजी-चाची, फूफाजी-बुआ,
भाईजी-भाभी, नानाजी-नानी, मामाजी-मामी
ऐसे सबके नाम लेना!!
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3.गोरे-गोरे गाल, गाल पर
 घूंघर वाले बाल,
बन्ना तेरा क्या कहना,
सिर पर टोपी लाल,
 हाथ में रेशम का रूमाल,
बन्ना तेरा क्या कहना,
दादा के हो गए ठाठ-ठाठ,
 ताऊ के हो गए ठाठ-ठाठ,
बन्नी जोहे बाट,
 बन्ना तेरा क्या कहना,
घर की मोटरकार, 
कार में बैठे रिश्तेदार,
 बन्ना तेरा क्या कहना,
गोरे-गोरे गाल......
( फूफा-मौसा, भैया-जीजा,
 नाना-मामा सभी के नाम
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4.ये पर्दा हटा दो, 
जरा मुखड़ा दिखा दो,
मैं दूल्हा बनके आया हूँ, 
कोई गैर नहीं,
मैं तुझको लेने आया हूँ, 
कोई गैर नहीं,
ये पर्दा हटा दो .....
मैं बाबा को संग लाया, 
मैं ताऊ को संग लाया,
बारात लेकर आया हूँ, 
कोई गैर नहीं,
मैं घोड़ी चढ़ के आया हूँ,
 कोई गैर नहीं,
ये पर्दा हटा दो ......
मैं पापा को संग लाया, 
मैं चाचा को संग लाया,
बारात लेकर आया हूँ, 
कोई गैर नहीं,
मैं घोड़ी चढ़ के आया हूँ, 
कोई गैर नहीं,
ये पर्दा हटा दो ........
मैं भैया को संग लाया,
 मैं जीजा को संग लाया
बारात लेकर आया हूँ, 
कोई गैर नहीं,
मैं घोड़ी चढ़ के आया हूँ, 
कोई गैर नहीं,
ये पर्दा हटा दो ........
मैं फूफा को संग लाया,
 मैं मौसा को संग लाया
बारात लेकर आया हूँ, 
कोई गैर नहीं,
मैं घोड़ी चढ़ के आया हूँ, 
कोई गैर नहीं,
ये पर्दा हटा दो ........
मैं नाना को संग लाया,
 मैं मामा को संग लाया
बारात लेकर आया हूँ, 
कोई गैर नहीं,
मैं घोड़ी चढ़ के आया हूँ, 
कोई गैर नहीं,
ये पर्दा हटा दो .......
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5.नखरालो बन्नो जी बन्नी
 पर जादू कर गयो,
मतवालो बन्नो जी बन्नी पर
 जादू कर गयो,
रंग रंगीलो छैल-छबीलो ओ
 बन्ना है प्यारो,
मीठो-मीठो मुलक रहो है
 यो तो जादूगारो
रसीलो बनड़ो सा बन्नी के
 मन बसगो,
नखरालो.....
शीश बने के कलंगी सोहे,
 सेहरा की शोभा न्यारी,
घोड़ी ऊपर बैठ्यो बन्नो
 पह्रयो सूट हजारी,
हरियालो बन्नो जी,
 बन्नी के चित्त चढ़गो, नखरालो......
सज कर आया बन्ना जी तो
 संग में लाय बराती,
आगे-आगे नाच रहे हैं बन्ने
 जी के साथी,
कामणगारो बन्नो जी बन्नी
 पर कामण करगो,
नखरालो.........!!
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6.ईचक दाना बीचक दाना
 दाने ऊपर दाना,
 ईचक दाना......
छज्जे ऊपर बन्नी बैठी बन्ना
 है दीवाना,
 ईचक...
रोज सवेरे उठकर बन्ना गर्म
 समोसे लाता है,
दादी को दिखला-दिखला
 कर बन्नी को खिलाता है,
दादी के मुंह पानी आये कैसा
 है  जमाना ,
 ईचक दाना.....
ईचक दाना बीचक दाना दाने
 ऊपर दाना!!
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 7.झूठ बोले बन्ना डांटे ऐसे
 बन्ने से डरियो,
बन्ना बन्नी को ले जाएगा,
 तुम देखते रहियो,
मैं बाबा को ले आऊँगा,
 तुम देखते रहियो,
बिना बुलाए आ जाए दादी,
 ऐसी दादी से डरियो,
मैं ताऊ को ले आऊँगा,
 तुम देखते रहियो,
बिना बुलाए आ जाए ताई,
 ऐसी ताई से डरियो,
बन्ना-बन्नी को ले जाएगा
 तुम देखते रहियो
झूठ बोले बन्ना.....
झूठ बोले बन्ना डांटे, 
ऐसे बन्ने से डरियो,
मैं पापा को ले आऊँगा,
 तुम देखते रहियो,
मैं चाचा को ले आऊँगा,
 तुम देखते रहियो,
बिना बुलाए आ जाए अम्मा,
 ऐसी अम्मा से डरियो
बिना बुलाए आ जाए चाची,
 ऐसी चाची से डरियो
बन्ना बन्नी को ले
 जाएगा.....
झूठ बोले बन्ना.....
मैं भैया को ले आऊँगा,
 तुम देखते रहियो,
मैं जीजा को ले आऊँगा, 
तुम देखते रहियो,
बिना बुलाए आ जाए भाभी,
 ऐसी भाभी से डरियो,
बिना बुलाए आ जाए बहना,
 ऐसी बहना से डरियो
बन्ना बन्नी को ले
 जाएगा.....
झूठ बोले बन्ना.....
मैं फूफा को ले आऊँगा, 
तुम देखते रहियो,
मैं मौसा को ले आऊँगा, 
तुम देखते रहियो,
बिना बुलाए आ जाए बुआ,
 ऐसी बुआ से डरियो,
बिना बुलाए आ जाए मौसी,
 ऐसी मौसी से डरियो
बन्ना बन्नी को ले
 जाएगा.....
झूठ बोले बन्ना...
मैं नाना को ले आऊँगा,
 तुम देखते रहियो
मैं मामा को ले आऊँगा, 
तुम देखते रहियो,
बिना बुलाए आ जाए नानी,
 ऐसी नानी से डरियो,
बिना बुलाए आ जाए मामी,
 ऐसी मामी से डरियो,
बन्ना बन्नी को ले
 जाएगा.....
झूठ बोले बन्ना.....!!
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झाले और वारने
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बन्ना सा रा बाग मे में सुवा 
 पकड़ कर लाई,
  रख दिया बनासा महल में
 मौतया रा चुगा चुगाई,
तू सच बोल सुवा बन्ना ने
 बन्नी प्यारी ,
मैं काईया लेऊ वारना 
मोतिया रा गजरा भारी,

1)छे छल्ला छे मुंदड़ी जीवराज
 भंवर जी छल्ला भरी परात, 
एक छल्ला रा वास्ते जिओ
 राजभरजी छोडू माय न बाप!!

2) छ छ्ल्ला छे मुंदडा जी ओ
 राज भंंवरजी छल्ला भरी
 परात,
साजन महला नहीं आया जी
 ओ राज भंंवरजी म जागी
 सारी रात !!

3) सात सुपारी चिकनी जी
 ओ राज भंंवरजी फ़ोडु एक 
ही साथ,
घणा दिनारा ओळमा जी ओ
 राज भंंवरजी काढु एक ही
 साथ!!
                   
4) कच्ची सुपारी चिकनी जी
 ओ राज भंंवरजी कुचका
 बोल्या बोल,
हम परदेशी पावणा जी ओ
 राज भंंवरजी हंस कर घुंघट
 खोल!!

5) मेहंदी भरियों बाट को जी
 ओ राज भंंवरजी लिख लिख
 मांड्या हाथ,
घणा दिनारा ओळमा जी ओ
 राज भंंवरजी काढु एक ही
 साथ!!


6) मेहंदी भरियों बाटको 
जीओ राज भंंवरजी लिख लिख
 मांड्या हाथ,
लिखना-पढ़ना छोड़ के
 जीओ राज भंंवरजी निखरों
 गोरी रा हाथ!!

7) जयपुर क बाजार म जीओ
 राज भंंवरजी पड्यो पेमली
 बोर,
निची होय उठावती जी ओ
 राज भंंवरजी गयो कमरको
 जोर!!

8) जयपुर क बाजार म जीओ
 राज भंंवरजी चार लुगाया
 जाय,
दो गोरी दो सांवली जीओ
 राज भंंवरजी दो-दो फलका
 खाय!!

9) जयपुर क बाजार म जीओ
 राज भंंवरजी बिकन आया
 बोर,
म बोर खावती जी ओ राज
 भंंवरजी सहेल्यान लेग्यो
 चोर!!

10) जयपुर क बाजार म जी
 ओ राज भंंवरजी बिकन
 आया उस,
म म्हारी उस खावती जीओ
 राज भंंवरजी सहेल्यान
 लेग्यो घुस!!

11) जयपुर क बाजार म जी
 ओ राज भंंवरजी पलंग
 बिकाउ आय,
परण्या तो खरीद लेव जीओ
 राज भंंवरजी कवांरा करें
 बिचार!!
                       
12) जयपुर क बाजार म जी
 ओ राज भंंवरजी आड्यो
 पड्यो नाग,
मरती पण बच गई जी ओ
 राज भंंवरजी साजन थारो
 भाग!!

13) जयपुर क बाजार म जी
 ओ राज भंंवरजी बुढ़ो रांध
 खीर,
फूंक मारता दाढ़ी बढ़ी जओ
 राज भंंवरजी मुछ्या को
 तकदीर!!

14) महादेव जी जावती
 जीओ राज भवरजी जोडू
  दोनों हाथ ,
या जोड़ी इबचल राखजो
 जीओ राज भंवर जी तीनों
 लोक रा नाथ!!
_______

ब्याव का गाली गीत:
_____
वह तो कोड़ी में तीन सौदा कर
 आई ,
देखो मारी सगीजी की
 चतुराई ,
भागी रे भागी सगी जी 
ब्यूटी पार्लर भागी ,
आपके तो बब कट , टाबरा के
 बेबी कट ,सगा जी की मूंछ
 मुंडा आई,
 देखो मारी सगी जी की
 चतुराई,
 भागी रे भागी सगी जी
 बाजार में भागी ,
अपने लिए तो सलवार सूट
 टावर के लिए नाइट सूट 
सगा जी को नाडा दिलाई लाई,
 देखो मारी सगी जी की
 चतुराई 
भागी रे भागी सगी जी 
बगीचे में भागी 
अपने लिए तो भेलपुरी 
टाबरा के लिए पानी पूरी,
 सगा जी को थाली चटाई,
 देखो मारी सगी जी की
 चतुराई 
भागी रे भागी सगी जी 
सुनार के भागी ,
आपके तो हीरा-मोती 
टाबरा के अंगूठी ,सगा जी को
 अंगूठा दिखा आई
 देखो मारी सगी जी की
 चतुराई!!
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बत्तीसी का गीत:
_____

वीरा भात भरण ने आजो 
थारी बहना की चुनरी 
लाजो,
 म्हारा प्यारा वीरा,
 रे मात पिता संग आजे मारी
 भाभी ने साथ  लाजे,
 म्हारा प्यारा वीरा,
 लाल चुनरिया लाजे
 घुंघट में  घुंगरू लगा जे,
 म्हारा प्यारा वीरा,
 सास-ससुर ने पहना जे,
 चरणों में शीश नवाजे,
 म्हारा प्यारा वीरा
 जेठ-जेठानी ने पहनाजे
 हाथ से हाथ मिलाजे,
म्हारा प्यारा वीरा
ननद - नंदोई जी ने पहनाजे,
 भांजा का कपड़ा लाजे, म्हारा प्यारा वीरा,
 देवर-देवरानी ने पहनाजे,
 फुल से स्वागत करजे,
 म्हारा प्यारा वीरा!!
भात का गीत:
_____
यह मेरा प्रेम पत्र पढ़कर तुम
 नाराज ना होना ,
कि तुम मेरी मां के जाए हो ,
कि तुम मेरे राज दुलारे हो ,
यह मेरा प्रेम पत्र पढ़कर के
 तुम नाराज ना होना कि तुम
 मेरी मां की जाए हो,
 कि तुम मेरे राज दुलारे हो,
 सास की साड़ी ले आना,
 ससुर का सूट ले आना,
 अगर इतना ना हो तो भैया
 खुद ही आ जाना!!
 (ऐसे ही सबके नाम लेने हैं)
मायरे की कविता:
_____
जब बेटी या बेटे की शादी
 होती है
तो बहुत सारी रस्मे होती है
पर उस रस्मो में से एक
 खास रस्म होती है,
जो माँ के पीहर वाले 
निभाते है...
इस रस्म को मायरा कहते है
इस रस्म की अलग ही बात
 होती है,
मायरे की  यह रस्म बड़ी
 खास होती है,
यू कहे ननिहाल की बुनियाद
 होती है,
उपहार मामा के घर के
इन उपहारो में ढेर सारा 
 आशीर्वाद और प्यार 
होता है,
देखो क्या क्या लेकर केशव
 माधव के रुप में  वीरा
 आए है
देख देख सभी के मन
 हर्षाये है,
तभी माँ के पीहर की एक
 अलग बात होती है,
सच है ये बात की
ये रस्म बहुत खास होती हैं
मजबूत रिश्तों की बुनियाद
 होती हैं!!

पैकिंग के दोहे:
_____

मन ही मन मुस्कुरा रहे हैं, धीरे-धीरे गुनगुना रहे हैं ,
फुले ना समा रहे हैं
 पापा जो बनने जा रहे हैं !!


घर में आई शुभ घड़ी ,
खुशियां ही खुशियां लाई,
 नए मेहमान के स्वागत की
 दादी को खुशी छाई!!


 सूट-बूट छोड़कर अब पहनो
 सगाजी धोती,
 दादाजी बन जाओगे चाहे
 पोता हो या पोती!!

बहुत दिनों बाद शुभ घड़ी
 आई ह,
 अब तो दे दो हमें खुशी-खुशी
 बधाई!!

 प्लेट में प्लेट, प्लेट में केक,
 हमारी भाभी लाखों में एक!!

 बढ़ गया मान भाभी का ,
पलडा जो भारी होता है
 जेठानी का !!

पंखे की हवा लगती है धीमी
 खाओ  बेयजी घेवर फेनी!!

 पहनकर दिवाली की साड़ी प्यारी ,
लगोगी तुम सब बहुओं से
 न्यारी !!

कुमकुम से तिलक लगाओ, चावल से तिलक सजाओ, मेहंदी से हाथ रचाओ,
 मौली बांधकर प्रेम बढ़ाओ!!

 पिक्चर में पिक्चर जब-जब
 फूल खिले,
 धन्यवाद हमारे तुम जैसे
 ब्याई मिले!!

बेटी की विदाई पर पिता 
के
मन के भाव
_____
मेरी दिली इच्छा थी कि मेरी
बेटी हो और प्रभु ने मेरी इच्छा
पूरी की एक नन्हीं परी(नाम)
को हमारे जीवन में भेजकर,
मैं हर पल, हर क्षण में खुश
 रहता हूं उसे देख कर!!
💝💝💝💝💝
काली-काली आंखें और
 मधुर मुस्कान लिए,
साथ में अपने प्रभु का 
वरदान लिए,
परिवार के हर सदस्य को
जोड़ने वाली मोतीयो
 की लड़ी हो गई ,
लाडो पता ही नहीं चला
 तुम कब बड़ी हो गई!!
💫💫💫💫💫
तुतलाती, इठलाती,
 छम-छम पायल बजाती,
अपनी खुशबु से घर-आंगन
 को महकाती,
थोड़ी सी नखराली थोड़ी
 नकचड़ी हो गई,
पता ही नहीं चला लाडो तुम
कब बड़ी हो गई!!
🎊🎊🎊🎊🎊
अपनी हर बात मनवाने वाली
 अब हर रीत निभाएगी,
प्रीत के इस बंधन को दिल से
 अपनाएगी,
 दो परिवारों के बीच की कड़ी
 हो गई ,
पता ही नहीं चला लाडो तुम
 कब बड़ी हो गई !!
🎉🎉🎉🎉🎉
होली में गालों को गुलाबी
 करने वाली ,
अब महावार से पैरों के छापे
 बनाएगी,
 ग्रहप्रवेश से ही ससुराल के
 रंग में रंग जाएगी,
 प्यार भरी बारिश की झड़ी
 हो गई ,
पता ही नहीं चला लाडो तुम
 कब बड़ी हो गई!!
💐💐💐💐💐
 खुश रहना और खुशियां
 बिखेरना ,
जो मायके को प्यार दिया वही
 ससुराल में सभी को भी देना,
 सबको है निभानी 
इस जग की है ये रीत 
एक बेटी से गूंजे दो घरों में
 संगीत ,
देखो बिदाई की करीब आ गई
 शुभ घड़ी,
लाडो सच में आज तू हो
 गई बड़ी!!
🤗🤗🤗🤗🤗
 नजरों से दूर रहोगी पर
 रहोगी हमारे दिल के पास ,
और सदा रहेगा तुम्हारे साथ
 हमारा आशीर्वाद!!
🙏🙏🙏🙏🙏
बहु स्वागत गीत:
_____

शुभ दिन, शुभ घड़ी आई
 घर में बहुरानी आई ,
बहुरानी आई ,मंगल घड़ी
 आई ,खुशियां तन-मन छाई,
 देव नारियां आई ,मंगल गावे,
 परिया नाचन आई ,
घर में बहु रानी आई !!
सासूजी भी नाचे ,
ससुर जी भी नाचे ,खुशियां
 मन में समाई घर में बहुरानी
 आई !!
लड्डू बांटे हैं बतासे बाटे हैं,
 बटी है मिठाई ,
घर में बहुरानी आई !!
ढोलक बजे हैं, नगाड़े बजे हैं,
 मंगल बजत बधाई ,
घर में बहुरानी आई!!
 सासूजी भी सुन लो ससुरजी
 भी सुन लो ,
खाएंगे भर मिठाई ,घर में
बहुरानी आई!!
 कल की ना खाएंगे,
 परसों की ना
 खाएंगे ,ताजी-ताजी
 खाएंगे मिठाई ,
घर में बहुरानी आई !!
अन्न-धन से भंडार भरेंगे,
 राम तुम्हें देंगे अधिक
 कमाई,
 आई घर में बहु रानी आई!!

🙏Sandhya Maheshwari🙏

14 Responses to "विवाह संस्कार एवम् बन्ना-बन्नी गीत"

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