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Gungour special dohe

Gungour special dohe

gangourdoha

Gungour special dohe

गणगौर को पानी पिलाते वक्त बोलने वाले गीत पति का नाम लेकर बोलने वाले गणगौर के दोहे और गणगौर के उखाणे



1.शब्द से शब्द मिले बन गई
 कविता,
 मेरे मन बहे साजन के प्रेम की सरिता!!

2.नजर से मिली नजर और
 नजराने हो गए 
मेरी अदाओं के साजन जी दीवानी हो गए !!

3.माथे पर लगाई है लाल रंग
 की बिंदिया,
 बिंदिया ने उड़ा दी है साजन जी की निंदिया!!

 4.छन-छन छनकती है चांदी की पायल,
 सुनते ही हो जाते हैं साजन जी घायल!!

 5.होली पर उड़े रंग और गुलाल,
 मुझको चढ़ गया साजन जी के प्यार का बुखार!!

 6.त्योहारों में खास त्यौहार है गनगोर ,
साजन जी मेरे ईसर में उनकी
 गौर !!

7.कभी धुप कभी छांव कभी
 दिन कभी रात,
 साजन जी आए जीवन में तो बन गई बात!!


 8.ना रंग चढ़ा चुनर का  ना चढ़ा रंग बंदेज ,
मेरे मन को जिसने रंगा वो साजन जी  रंगरेज !!

9.सैकड़ों फूलों की जरुरत हे माला बनाने के लिए,
 साजन जी के साथ की जरुरत हे मन को लगाने के लिए !!

10.राधा के मन में मोहन सीता के मन में राम ,
जो मेरे मन को भाए साजन उनका नाम !!

11.दिल को दिल से मिलाए रखना ,
साजन जी से मेरे रिश्ते को प्रभु जन्मो तक बनाएं रखना!!

 12.नीला गगन है उसने है चांद
 तारे ,
साजन जी उठाते ही मेरे नखरे सारे !!

13.गरम-गरम पकोड़ी खीर
 साथ में भाए ,
 साजन जी के बिना मुझे नींद नहीं आए!!

 14.एक दूनी दो और दो दूनी चार,
 साजन जी का नाम लेने में काहेका विचार !!

15.गोरे-गोरे हाथों में पहना है कंगना,
 साजन जी की लिए छोड़ा मैंने बाबुल का अंगना!!

                                 

                                   Sandhya Maheshwari

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